Shiv chaisa - An Overview
Shiv chaisa - An Overview
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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।
समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो, जीनी है जिंदगी तो आगे देखो…।
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
किसी भी वजह से मन में कोई भय हो तो शिव चालीसा का पाठ करे।
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वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
हनुमान चालीसा लिरिक्स
जन्म जन्म के पाप नसावे। Shiv chaisa अन्तवास शिवपुर में पावे॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
त्रयोदशी ब्रत करे more info हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
श्रीरामचरितमानस धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी